जिला चंबा में अवैध कटान के मामले फिर सुर्खियों में, जिला के 2 दर्जन से अधिक जंगलों में लगे हैं लोट

चंबा, ( विनोद ): जिला चंबा में अवैध कटान के मामले फिर सुर्खियों में बने हैं। हैरान करने वाली बात है कि यह अवैध कटान उन जंगलों में हुआ है जहां वन विभाग ने लोट लगाए हुए है। यानी उन जंगलों का जिम्मा इन दिनों वन निगम पर है क्योंकि जंगल में वन निगम द्वारा पेड़ काटने के काम को अंजाम दिया जा रहा है।

 

सूत्रों की मानें तो अभी तो महज दो जंगलों की जांच प्रक्रिया ही चली हुई है और इन दोनों मामलों में अवैध पेड़ कटान की बात सामने आई है। यही नहीं अब तक जिला चंबा में जितने की अवैध कटान के सबसे बड़े मामले सामने आए हैं उन सब का संबंध कहीं न कहीं लोट से जुड़ा हुआ रहा है।

 

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ऐसे में सवाल पैदा होता है कि वर्तमान में जिला के दो दर्जन से अधिक जंगलों में जो लोट का काम चला हुआ है क्या उन जंगलों में भी लोट की आड़ में अवैध कटान को अंजाम तो नहीं दिया जा रहा है। यह सवाल पैदा होना लाजमी है क्योंकि कुछ वर्ष पहले जिला चंबा में एलमी अवैध कटान का जो मामला सामने आया था वहां पर भी लोट का काम चला हुआ था।

एलमी अवैध कटान जिला चंबा का अब तक का सबसे बड़ा अवैध कटान का मामला बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो अगर वन विभाग गुंगयास व शक्ति जंगल की जांच में अवैध कटान की बात सामने आती है तो फिर जिन जंगलों में लोट का काम चला हुआ है वहां की जांच क्यों जरूरी नहीं है।
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विभागीय सूत्रों की मानें तो गुंगयास में 25 के करीब अवैध रूप से कटे पेड़ पाए गए लेकिन वे सूखे थे। अवैध कटान करने वाले ने अपनी इस चोरी को छिपाने के लिए फर्जी मार्क का निशान लगाया हुआ था। राहत की बात है कि किसी ने वन विभाग तक इस अवैध कटान की सूचना पहुचा दी तो जांच प्रक्रिया में यह बात सामने आई वरना शायद ही यह मामला सामने आ पाता।

 

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जिला चंबा वन संपदा के मामले में अमीर जिलों की सूची में शामिल है। ऐसे में लोट वाले जंगलों में मौजूद वन संपदा कितनी महफूज है इस बात को लेकर लोगों के मन में शंका बनी हुई है। इस बात का पता लगाने के लिए निसंदेह जिला चंबा के उन जंगलों की जांच जरुरी है जहां पर वन निगम के लोट लगे हुए है।