राधाष्टमी पर मणिमहेश में आस्था की डूबकी लगाने चंबा पहुंच रहें सैकड़ों श्रद्धालु

राधाष्टमी को मणिमहेश में आस्था की डूबकी लगाने को जम्मू-कश्मीर के डोडा,किश्तवाड़ व भद्रवाह से बड़ी संख्या में मणिमहेश यात्री पहुंचने लगे है।

चंबा,( विनोद ): राधाष्टमी पर मणिमहेश में आस्था की डूबकी लगाने को जम्मू-कश्मीर के डोडा,किश्तवाड़भद्रवाह से मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज होने लगी है। ऐतिहासिक चंबा चौगान में हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच कर यहां पडाव लगा रहें है। यही वजह है कि इन दोनों चंबा का ऐतिहासिक चौगान एक धार्मिक स्थल का स्वरूप ले चुका है।

 

सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करके जैसे ही ये भक्त चंबा पहुंचे तो चौगान पूरी तरह से शिव भक्ति के रस में डूब गया। क्या महिलाएं, क्या पुरुष और क्या बच्चे हर किसी के मन में मणिमहेश बाबा के दर्शन करने की लालसा साफ दिखती है। चौगान में अपना पडाव लगा कर यह शिव भगत अपने-अपने ढंग से भगवान शिव की पूजा अर्चना में मगन नजर आए।

 

चौगान के एक छोर से जहां शिव भजनों के मधुर स्वर गूंज रहे होते हैं तो वहीं दूसरे छोर पर शिव के गुरु खेलते हुए दिखे जा सकते है। अपने आप में एक अलौकिक दृश्य नजर आता है। चंद सप्ताह पहले इसी चौगान में अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला के आयोजन के दौरान यहां लोक संस्कृति के साथ बॉलीवुड संस्कृति का जादू लोगों के सिर चढ़ा नजर आता है तो इन दिनों यह चौगान पूरी तरह से भक्ति के रस में डूबा नजर आ रहा है।

 

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रविवार की सुबह जम्मू कश्मीर के शिव भक्तों की ये टोलियां अपनी मणिमहेश यात्रा के अगले पड़ाव को बढ़ गई और 22 सितंबर को मणिमहेश डल झील पहुंचकर वहां पवित्र डुबकी लगाकर अपनी इस यात्रा को पूरा करेंगे। आधुनिकता की इस अंधी दौड़ में हर वर्ष इस यात्रा के दौरान धर्म और आस्था का यह दृश्य चंबा में अक्षर देखने को मिलता है। आज भी इन लोगों के मन में अपने आराध्य देवता के प्रति अगाध भक्ति,श्रद्धा व आस्था देखने को मिलती है।

 

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