आकांक्षी जिला चंबा: 17 वर्ष बीते, मुख्य सचिव का वादा अधूरा

 चंबा, ( विनोद ): हिमाचल के आकांक्षी जिला चंबा के साथ 17 वर्ष पहले मुख्य सचिव द्वारा किया गया वादा अभी तक अधूरा पड़ा है। चंबा नगर को नये बस अड्डा के साथ जोड़ने के लिए कैफे मार्ग तक लिफ्ट व एक्सीलेटर से जोड़ने का तत्कानीय हिमाचल मुख्य सचिव ने वादा किया था वह अब तक जमीनी हकीकत का रूप नहीं ले पाया है। चंबा वेलफेयर एसोसिएशन चंबा की मासिक बैठक में इस बात को लेकर चिंता जताई गई।
आकांक्षी जिला चंबा: 17 वर्ष बीते, मुख्य सचिव का वादा अधूरा

चंबा वेल्फेयर एसोसिएशन के सदस्य बैठक में शामिल।

इस योजना को फाइल से बाहर निकल कर जमीनी हकीकत का रूप धारण कर सके इसके लिए  शीघ्र हिमाचल की कांग्रेस सरकार के समक्ष रखा जाएगा। एसोसिएशन की आयोजित मासिक बैठक में एसोसिएशन अध्यक्ष ओम प्रकाश की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में जिला चंबा के मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी चर्चा की गई।

 

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एसोसिएशन ने कहा कि हैरान करने वाली बात है कि मेडिकल कॉलेज की लैब में करीब एक माह तक टेस्ट प्रक्रिया बंद रही लेकिन किस ने इस पर अपनी गंभीरता नहीं दिखाई। एसोसिएशन का कहना था कि नये बस अड्डे से मुख्य बाजार तक लोगों को आने जाने की परेशानी पेश न आए इसके लिए नये बस अड्डे से कैफे मार्ग तक लिफ्ट व एक्सीलेटर की व्यवस्था की जाएगी लेकिन अफसोस की बात है कि आज तक इस दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में चंबा वेलफेयर एसोसिएशन को ऐसा प्रतीत होता है कि चंबा के लोगों के साथ छलावा किया गया है।

 

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उन्होंने कहा कि चंबा में हर वर्ष बरसात के दिनों में पेयजल की समस्या मुंह उठाए खड़ी हो जाती है क्योंकि जहां से चंबा शहर के लिए पेयजल की आपूर्ति की गई है वह चंबा से काफी दूर है। बरसात के दिनों में बीच रास्ते में भूस्खलन होने के चलते या फिर जिस नाले से पानी लाया गया है वहां बाढ़ आने से चंबा शहर की पेयजल व्यवस्था अक्सर प्रभावित होती है लेकिन अभी तक चंबा शहर के लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।

 

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संस्था का कहना था कि चंबा में रावी व साल नदी के अलावा चंबा शहर के साथ लगता सरोथा नाला में पानी बह रहा है। बावजूद इसके चंबा के लोगों को बीते दिनों पेयजल संकट का सामना करना पड़ा। ऐसे में संस्था सरकार व जिला प्रशासन से यह मांग करती है कि सरोथा नाला में बेकार में बह रहे पानी को स्टोर करने के लिए वाटर स्टोरेज टैंक ( water storage tank ) बनाया जाए और जब भी पेयजल संकट पैदा होता है तो उक्त वाटर स्टोरेज टैंक से पेयजल आपूर्ति की जाए। बैठक में सर्वसम्मति के साथ यह निर्णय लिया गया कि मेडिकल कॉलेज की आए दिन चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं के कारणों को जानने और इस दिशा में पुख्ता व्यवस्था करने के संदर्भ में मेडिकल कॉलेज चंबा ( Medical College Chamba ) के चिकित्साधिक्षक के साथ मुलाकात की जाएगी।

 

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