Chamba-Doda bus service started : हिमाचल के जिला चंबा से डोडा- किश्तवाड़ के लिए सीधी बस सेवा शुरू हो गई। पूर्व मंत्री आशा कुमारी ने चंबा-भद्रवाह-डोडा बस सेवा को हरी झंडी दिखाई।
सलूणी, ( दिनेश ) : हिमाचल के जिला चंबा के लोगों को अब जम्मू-कश्मीर के डोडा, किश्तवाड के लिए सीधी बस सेवा मुहैया हो गई है। एचआरटीसी ने मंगलवार को इस नये रूट पर बस सेवा शुरू की। पूर्व मंत्री आशा कुमारी ने मंगलवार को इस नये रूट पर चलने वाली बस सेवा को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
आशा कुमारी ने हिमाचल के उपमुख्यमंत्री(Deputy Chief Minister) एवं परिवहन मंत्री(Transport Minister) मुकेश अग्निहोत्री का इस बस सेवा को शुरू करवाने पर आभार प्रकट किया। आशा ने अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल के सलूणी(salooni) उपमंडल की सीमा के साथ जम्मू(Jammu) का डोडा(Doda) व किश्तवाड़(kishtwar) सटा हुआ है जिसका जिला चंबा को विशेष नाता रहा है। रियासत काल में जम्मू का यह सीमांत क्षेत्र का काफी हिस्सा चंबा रियासत का भाग था।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हिमाचल व जम्मू-कश्मीर राज्य के वजूद में आने के बाद भले यह हिस्से अंतर्राज्यीय सीमा का हिस्सा बन गया लेकिन जिला चंबा का इन क्षेत्रों से आज भी नजदीकी रिश्ता है। यही वजह है कि दोनों राज्यों के लोगों को अक्सर आना-जाना लगा रहता है लेकिन सीधी बस सेवा नहीं होने की वजह से इन लोगों को जम्मू से होकर पठानकोट और फिर वहां से जिला चंबा पहुंचना पड़ता था।
इस वजह से यह सफर बेहद मंहगा व लंबा था लेकिन अब चंबा, भद्रवाह, डोडा के बीच वाया सलूणी सीधी बस सेवा(bus service) शुरू होने से न सिर्फ यह लंबा सफर चंद घंटों में सीमित होकर रह गया है बल्कि अब बेहद कम किराये में चंबा-डोडा के बीच की दूरी को तय किया जा सकेगा। आशा कुमारी ने कहा कि हर वर्ष डोडा, किश्तवाड़ के हजारों श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा(Manimahesh Yatra) पर आते हैं।
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अबकी बार इस यात्रा पर आने वाले डोडा व किश्तवाड़ के लोगों को इस बस सेवा के शुरू होने से बेहद लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे जहां जिला चंबा में धार्मिक पर्यटन(religious tourism) को बढ़वा मिलेगा तो साथ ही डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र के सलूणी उपमंडल में भी पर्यटन को नये पंख मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम बस सेवा शुरू होने से दोनों राज्यों के सीमांवर्ती क्षेत्र के लोगों को लाभ पहुंचेगा, क्योंकि उन्हें अब पठानकोट व जम्मू की दूरी तय करने काे मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
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