Chamba Alert : चंबा में चाइना डोर पंछियाें के लिए खतरा बनती नजर आने लगी है। खुले आसमान में उड़ने वाले परिंदे इनकी चपेट में आकर जख्मी हो रहे है। कुछ पंछियों की जान तक चली गई है। वन विभाग हिमाचल प्रदेश अब तक 6 से अधिक डोर से जख्मी हुए चील प्रजाति के नया जीवन दे चुका है।
चंबा, ( विनोद ) : बसंत से चंबा में पतंगबाजी जोर पकड़ने लगी है जिस वजह से चंबा के खुले आसमान में उड़ने वाले पंछियों की जीवन पर खतरा मंडराता दिख रहा है। कारण यह है कि पतंगबाजी के लिए चायनीज डोर का प्रयोग किया जा रहा है। यह चायना डोर इस कदर तीखी है कि इसकी चपेट में आने वाली हर वस्तु कट कर रह जाती है।

पडोसी राज्य पंजाब में ऐसी कई अप्रिय घटनाएं घट चुकी है जिसमें चायना डोर की वजह से लोगों की जान तक चली गई है। ऐसी स्थिति जिला चंबा में पंछियों के लिए बनी हुई है। यहां अब तक 6 से अधिक चील प्रजाति के परिंदों को घायल अवस्था में वन विभाग द्वारा उपचार किया जा चुका है।

जल्द ही चंबा प्रशासन ने चायनीज डोर की बिक्री प्रतिबंधित नहीं की तो कई और पंछियों की जान जाने के साथ कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। कृतक्ष कुमार वन मंडलाधिकारी चंबा का कहना है कि वन मंडल चंबा के दायरे में आने वाले क्षेत्र में सबसे अधिक ऐसे मामले चंबा शहर व उसके साथ लगते क्षेत्रों में देखने को मिले है।

उन्होंने बताया कि जिन 6 पंछियों का उपचार किया गया है उसमें चील black kite eagle शामिल है। उन्होंने बताया कि इनमें से चार को ठीक करके फिर से आसमान में उड़ने के लिए छोड़ दिया गया तो अभी भी एक उपचाराधीन है जबकि एक की मौत हो चुकी है।
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घायल पंछियों को उपचार के दौरान प्राकृतिक वातावरण मिले इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है। इसी के चलते वन विभाग ने वन विश्राम गृह चंबा में विशेष व्यवस्था कर रखी है ताकि ठीक होने पर पंछी फिर से खुले आसमान में उड़ सके। उन्होंने कहा कि यह सभी मामले महज एक माह में सामने आए है।
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