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6:00 pm, Monday, 13 October 2025
कांग्रेस हाईकमान के लिए नई चुनौती

पूर्व मंत्री कांग्रेसी नेता ठाकुर सिंह भरमौरी के बगावती तेवर से हिमाचल की राजनीति में भूचाल

file photo

Bharmauri ke bagawat : हिमाचल के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ठाकुर सिंह भरमौरी के बगावती तेवरों से हिमाचल की राजनीति में तुफान (storm) आ गया है। बेटे अमित भरमौरी को आगामी हिमाचल विधानसभा चुनाव 2027 में भरमौर से कैंडिडेट घोषित कर दिया। पार्टी की परवाह किए वगैर बेहद गंभीर आरोपों के सहारे कुछ नेताओं व अधिकारियों को निशाने पर लिया।

भरमौर, ( विनोद ) : आखिरकार जिसकी आशंका जताई जा रही थी शनिवार को वह सही साबित हुई। अपनी ही कांग्रेस सरकार में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे 50 वर्षों से भरमौर विधानसभा क्षेत्र और गद्दी समुदाय के दमदार नेता रहे ठाकुर सिंह भरमौरी ने नाराज़गी को जगजाहिर करके हुए सुक्खू सरकार ( sukhu govt ) के खिलाफ विद्रोह का बिगुल ( bharmauri rebellion ) फूंक दिया। अपने बेटे अमित भरमौरी को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया तो साथ ही एक मंत्री को भी निशाने पर लिया।

हिमाचल की राजनीति में ठाकुर सिंह भरमौरी एक प्रमुख नाम है। बीते 50 वर्षों से भरमौर विधानसभा क्षेत्र में Thakur Singh Bharmauri की राजनीति से हर कोई बाकिफ है। कांग्रेस का सिपाही बनकर कभी भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में congress का साम्राज्य स्थापित करने में भरमौरी की भूमिक को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन वर्तमान में अपनी ही congress government में वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे है।

Chamba News

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वीरभद्र गुट में शामिल है भरमौरी का नाम

Shocking Bharmauri ke bagawat

यही वजह है कि अढ़ाई वर्ष तक चुप्पी साधे रहने के बाद अब अपनी चुप्पी तोड़ कर ठाकुर सिंह भरमौरी ने congress party को चुनौती देने को काम किया है। इसमें कोई दोराय नहीं है जब-जब भरमौरी के political जीवन पर खतरा मंडराया तो वह दोगुना ताकत के साथ लोकप्रिय नेता बनकर उभरे। वीरभद्र सिंह ( Veerbhadra singh ) की राजनैतिक University से निकले Congress leader Thakur Singh Bharmauri पहले भी कांग्रेस पार्टी का टिकट कटने पर पार्टी के खिलाफ बगावत( rebellion ) करके आजाद प्रत्याशी( candidate ) के तौर पर चुनाव ( election ) जीते थे।

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लगभग वहीं स्थिति वर्तमान में बनती हुई नजर आ रही है। यहीं वजह है कि सियासत की चाल को भांपते हुए भरमौरी ने पार्टी के खिलाफ सुर छेड़कर एक तीर से दो शिकार करने का प्रयास किया है। भरमौरी का यह निशाना कितना सही बैठता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन यह बात तो साफ हो गई है कि ठाकुर सिंह भरमौरी अपनी राजनैतिक विरासत ( political legacy ) को दूसरे के हवाले करने के मूड में नहीं है।

 

भरमौरी का आज भी एक विशेष वोट बैंक( vote bank ) है जो भरमौरी के इशारे पर जीत को हार में बदलने की भूमिका निभाने का सामर्थ रखता है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस हाईकमान ( congress high command ) भरमौरी की नाराजगी और बगावती तेवर ( rebellious attitude ) कतई हलके में नहीं ले सकता है।

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vinod Kumar

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पूर्व मंत्री कांग्रेसी नेता ठाकुर सिंह भरमौरी के बगावती तेवर से हिमाचल की राजनीति में भूचाल

Update Time : 02:59:26 pm, Sunday, 10 August 2025

Bharmauri ke bagawat : हिमाचल के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ठाकुर सिंह भरमौरी के बगावती तेवरों से हिमाचल की राजनीति में तुफान (storm) आ गया है। बेटे अमित भरमौरी को आगामी हिमाचल विधानसभा चुनाव 2027 में भरमौर से कैंडिडेट घोषित कर दिया। पार्टी की परवाह किए वगैर बेहद गंभीर आरोपों के सहारे कुछ नेताओं व अधिकारियों को निशाने पर लिया।

भरमौर, ( विनोद ) : आखिरकार जिसकी आशंका जताई जा रही थी शनिवार को वह सही साबित हुई। अपनी ही कांग्रेस सरकार में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे 50 वर्षों से भरमौर विधानसभा क्षेत्र और गद्दी समुदाय के दमदार नेता रहे ठाकुर सिंह भरमौरी ने नाराज़गी को जगजाहिर करके हुए सुक्खू सरकार ( sukhu govt ) के खिलाफ विद्रोह का बिगुल ( bharmauri rebellion ) फूंक दिया। अपने बेटे अमित भरमौरी को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया तो साथ ही एक मंत्री को भी निशाने पर लिया।

हिमाचल की राजनीति में ठाकुर सिंह भरमौरी एक प्रमुख नाम है। बीते 50 वर्षों से भरमौर विधानसभा क्षेत्र में Thakur Singh Bharmauri की राजनीति से हर कोई बाकिफ है। कांग्रेस का सिपाही बनकर कभी भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में congress का साम्राज्य स्थापित करने में भरमौरी की भूमिक को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन वर्तमान में अपनी ही congress government में वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे है।

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यही वजह है कि अढ़ाई वर्ष तक चुप्पी साधे रहने के बाद अब अपनी चुप्पी तोड़ कर ठाकुर सिंह भरमौरी ने congress party को चुनौती देने को काम किया है। इसमें कोई दोराय नहीं है जब-जब भरमौरी के political जीवन पर खतरा मंडराया तो वह दोगुना ताकत के साथ लोकप्रिय नेता बनकर उभरे। वीरभद्र सिंह ( Veerbhadra singh ) की राजनैतिक University से निकले Congress leader Thakur Singh Bharmauri पहले भी कांग्रेस पार्टी का टिकट कटने पर पार्टी के खिलाफ बगावत( rebellion ) करके आजाद प्रत्याशी( candidate ) के तौर पर चुनाव ( election ) जीते थे।

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लगभग वहीं स्थिति वर्तमान में बनती हुई नजर आ रही है। यहीं वजह है कि सियासत की चाल को भांपते हुए भरमौरी ने पार्टी के खिलाफ सुर छेड़कर एक तीर से दो शिकार करने का प्रयास किया है। भरमौरी का यह निशाना कितना सही बैठता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन यह बात तो साफ हो गई है कि ठाकुर सिंह भरमौरी अपनी राजनैतिक विरासत ( political legacy ) को दूसरे के हवाले करने के मूड में नहीं है।

 

भरमौरी का आज भी एक विशेष वोट बैंक( vote bank ) है जो भरमौरी के इशारे पर जीत को हार में बदलने की भूमिका निभाने का सामर्थ रखता है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस हाईकमान ( congress high command ) भरमौरी की नाराजगी और बगावती तेवर ( rebellious attitude ) कतई हलके में नहीं ले सकता है।