भाषणों तक सीमित पर्यावरण दिवस

विकास व निजी हितों की बलिबेदी पर चढ़ रहा पर्यावरण चम्बा, 5 जून (विनोद): हर वर्ष 5 जून को हम सब पर्यावरण दिवस के रूप में मनाते हैं और इस दिन नेता से लेकर अधिकारी हर कोई पर्यावरण संरक्षण के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन यह बाते पूरे वर्ष में महज एक दिन ही सुनाई देती है। जबकि सच्चाई यह है कि 364 दिन हम सब पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाने में जुटे रहते हैं। कुल लोग अपने मुनाफे के लिए तो कुछ लोग अपने निजी हितों की पूर्ति के लिए इसे पूरी तरह से अनदेखा कर देते है। कभी विकास के नाम पर पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ को अनदेखा किया जाता है तो कभी किसी अन्य वजह से दब जाते हैं। यही वजह है कि ऐसे मामलों पर अक्सर चुप्पी छाए रहती है। कई बार कुछ जागरूक लोगों की वजह से ऐसे मामले सुर्खियों में बनते हैं तो औपचारिकता के कागजी घोड़े दौड़ाए जाते हैं। पर्यावरण को बचाने के लिए कई विभाग व कानून मौजूद हैं लेकिन जब तक इन सब की अनुपालना करवाने वाले अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदारी नहीं दिखाएंगे तब तक हम सब हर वर्ष यू...

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