बरसात में बरसता है पानी, 8 हजार आबादी को होती परेशानी

नाले में मटमैला पानी आने की वजह से जलशक्ति विभाग पेयजल आपूर्ति करने में नहीं हो पाता सक्षम चंबा, 4 अगस्त (विनोद): बरसात के मौसम में आसमान से पानी बरसता है तो चंबा शहर के सबसे बड़े वार्ड के लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह यह है कि इस वार्ड के साथ-साथ चंबा विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत साच के लोगों को जल शक्ति विभाग जिस नाले से पेयजल की सुविधा मुहैया करवाता है वहां पर मटमैला पानी आ जाता है। यही वजह है कि सुल्तानपुर वार्ड व साच पंचायत के दायरे में आने वाली करीब 8 हजार की आबादी को बरसात के दिनों में इस पेयजल संकट का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लोगों को इस परेशानी से हमेशा-हमेशा के लिए निजात दिलाने के लिए जल शक्ति विभाग ने अपने इस स्त्रोत साच नाले पर कट ऑफ वॉल इन इनफील्ट्रेशन गैलरी निर्माण करने का निर्णय लिया है। इस कार्य पर करीब 15 लाख रुपए का खर्च आएगा और इसके लिए जल शक्ति विभाग जिला प्रशासन से धनराशि प्राप्त करने की योजना पर कार्य कर रहा है। यह कार्य इसलिए बेहद जरुरी है क्योंकि पानी इंसान की मूलभूत सेवाओं...

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56 करोड़ रुपए की पेयजल योजना भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी

पेयजल योजना के तहत बन रहेें जल भंडारण टैंकों में गुणवत्ताहीन सामग्री का प्रयोग करने का आरोप चंबा, 26 जून (विनाेद): 56 करोड़ रुपए की लागत से सलूणी उपमंडल की 26 पंचायतों की प्यास बुझाने के लिए निर्माणाधीन पेयजल योजना भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई है। सोशल मीडिया के माध्यम से इसका खुलासा हुआ है। इसके सामने आते ही अब जलशक्ति विभाग व सरकार की कार्यशैली भी सवालों के दायरे में आ गई है। जिस निर्माण सामग्री का महिला ने खुलासा किया है उसका वास्तव में सरकारी पेयजल भंडारण टैंकों में निर्माण में प्रयोग में लाया जा रहा है तो यह बेहद गंभीर मामला है। महिला की बात का विश्वास किया जाए तो इसमें कोई दोराय नहीं है कि करोड़ों रूपए की लागत वाली इस पेयजल योजना के पानी भंडारण टैंकों का निर्माण गुणवत्ताहीन सामग्री के माध्यम से किया जा रहा है जिस वजह से इन टैंकों के फटने की आशंका बन गई है। ऐसा होता है तो कई लोगों की जाने इस भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएंगी। क्योंकि इस विशाल पेयजल योजना के तहत पानी स्टोरेज टैंकों का निर्मााण गांवों के ऊपर किया जा रहा है। खड्ड की मिट्टी युक्त कच्ची बजरी का प्रयोग करने की वजह से पेयजल...

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