वीरभद्र सिंह को यूं नहीं कहा जाता दिलों का राजा
मुख्यमंत्री के रूप में चुराह के दौरे के दौरान हो गए थे आग बबूला
चंबा, 9 जुलाई (विनोद): वीरभद्र सिंह को दिलों का राजा किस लिए कहां जाता था इसके यूं तो कई प्रमाण मौजूद हैं। इसमें चुराह का भी एक मामला शामिल है जिसमें एक बच्ची की खराब आंख को देखकर न सिर्फ वीरभद्र सिंह आग बबूला हो गए थे बल्कि उस बच्ची का चंढीगढ़ पीजीआई में उपचार करवाने की पूरी व्यवस्था करवाई।
यह बात पूर्व कांग्रेस के कार्यकाल की है। उस दौरान मुख्यमंत्री के रूप में वीरभद्र सिंह चुराह के दौरे पर आए। खुशनगरी के पास बिजली बोर्ड के सबस्टेशन का शिलान्यास करने गए तो वहां एक गरीब अनपढ़ चुराह की महिला अपनी गोद में करीब 4 वर्ष की बच्ची को लेकर पहुंच गई।
मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने उस महिला को रोकने चाहा तो राजा की जैसे ही उस महिला पर नजर पड़ी तो उन्होंने सुरक्षा कर्मियों को उसे आने देने को कहा। महिला जैसे ही राजा के पास पहुंची तो वीरभद्र सिंह ने बच्ची को देखा तो उसकी एक आंख पर कपड़ा बंधा हुआ था और चेहरे का वह हिस्सा बुरी तरह से सुजा हुआ था।
बस फिर क्या था एकदम से मुख्यमंत्री को गुस्सा आ गया और उन्होंने महिला...