HPSDMA Warning News
चंबा उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने HPSDMA और NDMA के विशेषज्ञों के साथ चंबा में आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक की। बैठक में पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट, संवेदनशील क्षेत्रों की स्थिति और आपदा जोखिम न्यूनीकरण की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई।
चंबा, ( विनोद ): चंबा उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के विशेषज्ञों के साथ आपदा के पश्चात आवश्यकताओं के आकलन (Post Disaster Needs Assessment) को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। यह बैठक उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित हुई, जिसमें मानसून सीजन के दौरान हुई भारी क्षति और पुनर्स्थापन कार्यों की स्थिति पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।

उपायुक्त रेपसवाल ने कहा कि चंबा जिला भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। कई ग्राम क्षेत्र संरचनात्मक रूप से सुरक्षित दिखने के बावजूद भू-संरचना के कारण उच्च जोखिम वाले ज़ोन में आते हैं। उन्होंने बताया कि जिन भवनों में मानसून के दौरान दरारें आई थीं, उनमें समय के साथ दरारें बढ़ रही हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।

बैठक में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आपदा से हुई क्षति, जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान, राहत एवं पुनर्वास की प्रगति, और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई।
NDMA विशेषज्ञ टीम ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154A, रजेरा, सलूणी, गागला, धुलाड़ा सहित आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय दौरा कर वास्तविक स्थिति का आकलन किया। टीम ने जिला प्रशासन को जोखिम न्यूनीकरण (Risk Mitigation), रिलीफ रिहैबिलिटेशन (Relief & Rehabilitation) और Resilience Building से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

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बैठक में एडीएम अमित मैहरा,एएसपी हितेश लखनपाल, एसडीएम प्रियांशु खाती, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ विनय कुमार, अमित टंडन, मंजीत सिंह, नितिन शर्मा, तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
उपायुक्त रेपसवाल ने कहा कि आपदा प्रबंधन केवल राहत तक सीमित नहीं, बल्कि यह सतत तैयारियों, जोखिम विश्लेषण और विभागीय समन्वय का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि भविष्य में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को न्यूनतम स्तर तक लाया जाए।


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