चंबा, ( विनोद ): अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेला व्यवस्था पर बारिश ने पानी फेरा, देखते ही देखते मंच पर जलधारा बहने लगी। राहत की बात यह इससे किसी प्रकार की अप्रीय घटना नहीं घटी। पूरी तरह से आधुनिक व सजावटी लाईटों से भरे इस मंच में लगे बिजली उपकरण पानी की चपेट में आ जाते तो कुछ भी हो सकता था।
पहली बार अधिकारीतौर पर इस प्राचीन व ऐतिहासिक मेला अंतर्राष्ट्रीय नामकरण के साथ आयोजित किया जा रहा है। यही वजह है कि इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कई बैठकों के दौर आयोजित किए। दावें ये किए जा रहे थे कि इसे यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी पंरतु अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेला(International Minjar Mela) की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में ही इन दावों की हवा निकल गई।
ये भी पढ़ें: मिंजर की पहली शाम, इन कलाकारों के नाम।
दूसरी सांस्कृतिक संध्या के अंतर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौरा चला हुआ था तो अचानक ने मौसम खराब हुआ और रात करीब साढ़े 9 बजे जोरदार बारिश शुरू हो गई। कुछ ही देर में स्टेट जहां पहाड़ी गायक इशांत भारद्वाज अपना कार्यक्रम पेश कर रहें तो ठीक ऊपर से पानी की धारा बहने शुरू हो गई। गनीमत यह रही कि जब यह घटना घटी तो उस समय अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेला की दूसरी सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल कार्यक्रम को बीच में ही छोड़ कर जा चुके थे। वरना प्रशासन की यह कामचलाऊ व्यवस्था की पोल मुख्य अतिथि के समक्ष खुल जाती।
ये भी पढ़ें: चंबा वासियों में राज्यपाल ने नई उम्मीद जगाई।
जानकारी के अनुसार इस बार मिंजर मेला स्टेज के समक्ष जो लोगों के बैठने के लिए पंडाल बनाया जाता है उसे भी विगत वर्षों के मुकाबले कम आकार का बनाया गया है जिस वजह से बारिश लगने पर पंडाल के तीनों तरफ खड़े लोगों को बारिश में भीगने को मजबूर होना पड़ा। यहां तक की बारिश का पानी पंडाल में भी पहुंच गया। लोगों का कहना था कि एक तो पहली बार अधिकारीरूप(officially) से मिंजर मेला(Minjar Fair) का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय नामकरण के साथ हो रहा है तो दूसरी तरफ इस बार बीते वर्षों के मुकाबले प्रशासन ने चौगान नीलाम कर पैसा भी खूब इकट्ठा किया इसके बाद इस प्रकार की व्यवस्था आयोजकों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाने को मजबूर कर रही है।