चंबा, ( विनोद): पूर्व भाजपा सरकार का जनमंच व 1100 शिकायत निवारण नंबर तो काम नहीं आया लेकिन हिमाचल की कांग्रेस सरकार भी अभी तक डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र के दायरे मेंं आने वाले राजकीय प्राथमिक स्कूल छूद्रा का नियमित अध्यापक मुहैया करवाने में सफल नहीं हो पाई है। यही वजह है कि smc अध्यक्ष अपने स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की शिक्षा व्यथा को बताते हुए अपनी आंखों के आंसूओं को रोक नहीं पाए।
इससे यह सवाल पैदा होता है कि जब सरकार व शिक्षा विभाग स्कूल प्रबंधन समितियों की मांगों को पूरा नहीं कर सकता तो फिर स्कूल प्रबंधन समितियों के गठन क्या औचित्य रह जाता है। एक smc अध्यक्ष अपने स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के लिए इस कदर चिंतित की जनमंच से लेकर वर्तमान प्रदेश उप मुख्यमंत्री के पास नियमित अध्यापक मुहैया करवाने की मांग कर चुके हैं लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
फूट फूट कर रोया SMC अध्यक्ष
यह वजह है कि बुधवार को जब स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष नरेंद्र कुमार की अगुवाई में सदस्यों ने डीसी कार्यालय चंबा पहुंच कर जब अपने स्कूल की काम चलाऊ शिक्षा व्यवस्था के बारे में बताया तो समिति अध्यक्ष अपने आंसूओं को रोक नहीं पाए। उपायुक्त चंबा अपूर्व देवगन को अध्यक्ष ने बताया कि 14 माह से उनके स्कूल में एक भी नियमित अध्यापक कार्यरत नहीं है।
दिन व दिन बच्चों की संख्या इस कारण हो रही कम
हर सप्ताह शिक्षा विभाग एक अध्यापक का डेप्यूटेशन पर स्कूल में तैनात कर देता है और दूसरे सप्ताह दूसरे अध्यापक की तैनाती की जाती है। यही वजह है कि इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की अच्छी खासी तादाद अब 22 तक पहुंच गई है। हर दिन बच्चों की संख्या कम हो रही है क्योंकि अभिभावक ऐसे स्कूल में अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दिलाना चाहते हैं जहां नियमित अध्यापक ही न हो।
HT की तैनात के नाम पर औपचारिकता की
उन्होंने कहा कि इस स्कूल की उपेक्षा का आलम यह है कि यहां मुख्य अध्यापक के साथ-साथ जेबीटी अध्यापकों के पद भी रिक्त चल रहे हैं। वर्तमान ने इस स्कूल के लिए एक मुख्य अध्यापक की नियुक्त के आदेश किए लेकिन उक्त अध्यापक विकलांग होने के चलते इस स्कूल में अपनी सेवाएं देने की असमर्थता जता चुका है। यही वजह है कि अभी तक इस स्कूल को एक भी नियमित अध्यापक मुहैया नहीं हो पाया है।
जनमंच व शिकायत निवारण नंबर 1100 भी गया बेकार
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में जनमंच पर इस मामले को उठाया गया लेकिन कोई हल नहीं निकला। 1100 शिकायत निवारण नंबर पर शिकायत दर्ज करवाई गई कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला। प्रदेश सत्ता परिवर्तन के साथ ही अभिभावकों को फिर से अध्यापक मिलने की उम्मीद बंधी लेकिन अफसोस की बात है कि पांच माह बीतने के बाद भी बार-बार आग्रह करने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
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इस दिन से स्कूल नहीं जा रहा कोई भी बच्चा
स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा के नाम पर की गई काम चलाऊ नीति से तंग आकर अभिभावकों ने यह फैसला लिया हुआ है कि जब तक स्कूल को नियमित अध्यापक नहीं मिलता है तब तक वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। यही वजह है कि 18 मई से कोई भी बच्चों इस स्कूल में नहीं जा रहा है। यह स्थिति तब तक बनी रहेगी जब तक स्कूल को अपना नियमित अध्यापक नहीं मिलता है।
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क्या कहते है उपायुक्त चंबा
उपायुक्त चंबा अपूर्व देवगन ने कहा कि राजकीय प्राथमिक स्कूल छूद्रा में नियमित अध्यापक की तैनाती को लेकर स्कूल प्रबंधन समिति का प्रतिनिधिमंडल मिला है। उनकी समस्या पर शीघ्र प्रभावी कदम उठाने के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक को निर्देश दे दिए है। जब तक इस स्कूल में नियमित अध्यापक की तैनाती नहीं होती है तब तक इस स्कूल में जो अध्यापक डेप्यूटेशन पर कार्यरत हैं उन्हें वहीं रहने देने के निर्देश दिए गए है।