Chamba to Manimahesh Yatra : चंबा से मणिमहेश को दशनाम की छड़ी 4 सितंबर को रवाना होगी। मणिमहेश यात्रा पर पैदल ही सात पड़ाव लगाने के बाद यह छड़ी 10 को मणिमहेश डल पर पहुंचेगी।
चंबा, ( विनोद ): श्री दशनाम जूना अखाड़ा चंबा की छड़ी मणिमहेश डल के लिए 4 सितंबर को धूमधाम से रवाना होगी। राधा अष्टमी के पावन अवसर पर छड़ी झील में डुबकी लगाएगी, छड़ी स्नान के साथ ही यह पवित्र यात्रा संपन्न हो जाएगी। दशनाम अखाड़ा के महंत यतेंद्र गिरी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मणिमहेश(Manimahesh) की इस छड़ी यात्रा का वही महत्व है जो अमरनाथ यात्रा को निकलने वाली दशनाम छड़ी की होती है। उन्होंने बताया कि रियासत काल से दशनाम(Dusnam) अखाड़ा चंबा से यह पवित्र छड़ी हर वर्ष साधु संतों की अगुवाई में मणिमहेश यात्रा पर निकलती है। महंत यतेंद्र गिरी ने बताया कि 4 सितंबर को दशनाम अखाड़ा में उपायुक्त चंबा अधिकारियों के साथ पहुंच कर भगवान दत्तात्रेय की पूजा अर्चना करने के बाद इस छड़ी यात्रा को मणिमहेश के लिए रवाना करेंगे।
बैंड बाजे के साथ देश के विभिन्न राज्यों से आए साधुओं के साथ दशनाम अखाड़ा चंबा के महंत की अगुवाई में पहले पड़ाव की तरफ यह छड़ी रवाना होगी। आज के आधुनिक दौर में भी यह छड़ी यात्रा चंबा से मणिमहेश के बीच की दूरी को पैदल तय करेंगे। पहला पड़ाव जुलाहकड़ी के राधा-कृष्ण मंदिर में लगेगा। दूसरा पड़ाव राख में तीसरा दुर्गठी, चौथा भरमौर, पांचवा हड़सर, छठा धनछो, सातवां व अंतिम पड़ाव मणिमहेश डल पर 10 सितंबर को लगेगा।
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दशनाम अखाड़ा चंबा के महंत ने बताया कि उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल ने यह आश्वासन दिया है कि इस छड़ी यात्रा के दौरान साधु-संतों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मणिमहेश डल पर साधुएं के रहने व आग जलाने के लिए लकड़ी की पूरी व्यवस्था करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि छड़ी सनातन धर्म का प्रतीक है। रियासत काल से चली आ रही इस दशनाम छड़ी यात्रा का आज भी उतना ही धार्मिक महत्व है जितना आदीगुरू शंकराचार्य के कार्यकाल के दौरान था।
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