चंबा,(विनोद कुमार): उपचुनाव के बाद Government employee की सरकार को याद आई। जिला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष अजय जरयाल ने यह बात बुधवार को चंबा जिला मुख्यालय में पत्रकार वार्ता आयोजित कर यह बात कही।
जरयाल ने कहा कि सरकार कर्मचारी वर्ग का ख्याल रखेगी तो कर्मचारी वर्ग सरकार को ख्याल रखेगा। जब भी कर्मचारी वर्ग को वित्तीय लाभ देने की बात आती है तो सरकारी खजाना खाली होने का राग अलापा जाता है। जब अपनी बारी आती है तो सरकार तुरंत सभी भत्तें बहाल कर देती है।
उन्होंने कहा कि कोविड में अध्यापकों व अन्य कर्मचारी वर्गों की बिना किसी ट्रेनिंग व संसाधनों की नियुक्ति कर दी गई। ऐसे में होना तो यह चाहिए था कि ऐसे कर्मचारियों के कार्य की सराहना की जाती लेकिन इसके उल्ट कर्मचारियों का मनोबल गिराने के कई मामले देखे गए।
ड्यूटी के दौरान जिन कर्मचारियों की मौत हो जाती है उनके परिवारों को करुणामूल आधार पर नौकरी दी जाती है लेकिन पिछले कई वर्षों से इस प्रकार की भर्तियां बंद पड़ी है जिस वजह से ऐसे प्रभावित परिवार बीते कई दिनों से हड़ताल पर है।
अजय जरयाल ने कहा कि चार वर्षों तक सरकार को प्रदेश के कर्मचारी वर्ग की याद नहीं आई लेकिन उपचुनाव के बाद सरकार को याद आई है। उन्होंने कहा कि सरकार को भले इस सरकारी कर्मचारी वर्ग की याद देरी से आई है लेकिन इसी माह के अंत में होने वाली जेसीसी की बैठक से प्रदेश के कर्मचारी वर्ग को काफी उम्मीदें बंधी है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार कर्मचारी वर्ग का ख्याल रखेगी तो कर्मचारी वर्ग सरकार का ख्याल रखेगा। उन्होंने कहा कि 2009 में सरकार ने यह निर्णय लिया था कि न्यू पेंशन कर्मचारी की मौत हो जाती है या फिर वह स्थाई रूप से अपंग हो जाता है तो उसके परिवार को पुरानी पेंशन के आधार पर नौकरी दी जाएगी।
हैरान करने वाली बात है कि इस निर्णय को लिए हुए 12 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी तक इस संदर्भ में सरकार ने अधिसूचना जारी नहीं की है। उन्होंने कहा कि सरकार को भले इस कर्मचारी वर्ग की याद देरी से आई है लेकिन इसी माह के अंत में होने वाली जेसीसी की बैठक से प्रदेश के कर्मचारी वर्ग को काफी उम्मीदें बंधी है।
उन्होंने कहा कि महासंघ सरकार से जल्द महंगाई भत्ते की किश्त जारी करे तो साथ ही अनुबंध पर लगे कर्मचारियों को दो वर्ष में नियमित करने की मांग करता है।