खस्ता हालत सड़क की सुध लेने की लोक निर्माण विभाग के साथ मांग करने के लिए जा रहें लोगों के साथ घटी यह दुर्घटना
चंबा की आवाज। पहाड़ी दरकने से उसके मलबे के नीचे दबने से दो महिलाओं की मौत होने की घटना घटी है। सूचना मिलने पर प्रशासन के अधिकारी व पुलिस दल मौके पर पहुंच गया है।
राहत की बात यह रही कि इस मलबे की चपेट में आए अन्य पांच लोगों को बचा लिया गया लेकिन घायल होने की वजह से उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।
बुधवार को प्रदेश की राजधानी शिमला में भारी बारिश होने के बाद पहाड़ी के दरकने की वजह से यह घटना घटी। मृतकों के परिजनों को इस बारे में जैसे ही सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंच गए है।
जानकारी के अनुसार शिमला जिला के नेरवा से करीब 10 किलोमीटर दूर बजाथल-घुंटाडी सड़क मार्ग पर सिलोड़ी कैंची में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी के आने की सूचना मिली।
ऐसे में अपनी सड़क की खस्ता हालत में सुधार करने की गुहार लगाने के लिए यह ग्रामीण पैदल वहां से गुजर रहें थे तो अचानक से पहाड़ी के दरकने की वजह से यह घटना घटी।
साथ वाले ग्रामीणों ने बतया कि जब वे पैदल वहां से गुजर रहें थे तो अचानक से पहाड़ी के दरकने से चट्टानें और मबला आ गिरा। कुछ लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई लेकिन 7 लोग चपेट में आ गए।
पहाड़ी के मबले में दबें लोगों को मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने मलबे में दबें लोगों को किसी तरह से बाहर निकाला लेकिन उनमें से एक महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
मलबे की चपेट में आई दूसरी महिला को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया जहां तैनात चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शेष पांच लोगों को भी उपचार के लिए नेरवा अस्पताला पहुंचाया गया जहां उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया गया।
मरने वाली महिलाओं की पहचान 45 वर्षीय कमला देवी पत्नी गोपीचंद निवासी व 80 वर्षीय शुक्री देवी पत्नी विधवा पन्ना लाल निवासी गांव बावड़ा तहसील नेरवा के रूप में की गई है।
घायलों की पहचान 34 वर्षीय मेला राम शर्मा पुत्र वीर सिंह निवासी गांव बसवा, 25 वर्षीय पीतांबर पुत्र निकाराम, 35 वर्षीय सीमा देवी पत्नी दुलाराम, 50 वर्षीय अत्तरो देवी पत्नी दौलत राम, 32 वर्षीय रमेश चंद पुत्र ध्यानु राम निवासी गांव बावड़ा तहसील नेरवा के रूप में की गई है।
गढ़ा पंचायत के प्रधान ने इस हादसे के लिए पूरी तरह से संबन्धित विभाग को जिम्मेवार बताया है। पंचायत प्रधान दिनेश घुंटा का कहना है कि यही घुंटाडी-बजाथल सड़क की हालत ठीक होती तो शायद पहाड़ी दरकने के कारण यह दर्दनाक हादसा नहीं होगा।
मृतक के परिवारजनों को प्रशासन की तरफ से तहसीलदार नेरवा अरूण कुमार शर्मा ने 10 हजार रुपए की फौरी आर्थिक राहत राशि प्रदान की तो वहीं घायलों को भी आर्थिक राहत राशि दी जा रही है।
पुलिस ने शवों को अपने कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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