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अंजू की लोकप्रियता व उसका हंसराज का कट्टर समर्थन होना भारी तो नहीं पड़ा

कही किसी साजिश का शिकार तो नहीं हुई अंजू धीमान
चम्बा, 11 मई (विनोद): अंजू धीमान को चुराह विधायक व प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज को कटर समर्थक माना जाता है। जब भी हंसराजक के विरोधी उसके खिलाफ सोशल मीडिया में मोर्चा संभालते हैं तो अंजू धीमान उस समय हंसराज के पक्ष में एक ढाल बनकर खड़ी हो जाती है। ऐसे से यह बातें चर्चाओं में जगह पाने लगी हैं कि अंजू की अपने क्षेत्र में लोकप्रियता और उसका हंसराज का कट्टर समर्थन होने की वजह से वही कही किसी षड़यंत्र का शिकार तो नहीं हुई है। यह सवाल इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि पार्टी ने अभी तक उससे यह बात जानने का प्रयास नहीं किया कि आखिर उसे पार्टी पदाधिकारी होने के बावजूद उसे अपनी बात कहने के लिए सोशल मीडिया का सहारा क्यों लेना पड़ा। अंजू धीमान ने खुद अपने ब्यान में यह बात कही थी कि एक पक्ष को ही क्यों सुना गया। सवाल यह भी पैदा हुआ है कि आखिर वे कौन सी ताकतें थी जो कि अंजू को अपना निशाना बनाना चाहती। पिछले दिनों यह देखने को मिला था कि हंसराज के एक ब्यान को लेकर पार्टी का एक धड़ा ही उसके खिलाफ सोशल मीडिया में एक्टिव हुआ था उस समय यह अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों अमल में नहीं लाई गई। डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र जिला में एकलौता ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां भाजपा कई धड़ों के बंटी हुई है। यह बात समय-समय पर जगजाहिर होती रहती है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच ऐसे पार्टी पदाधिकारी को बाहर का रास्ता दिखाना जो कि पंचायत स्तरीय चुनावों में महज एक वोट की कमी के चलते जीत की दहलीज काे पार नहीं कर पाई। ऐसे पार्टी कार्यकर्ता की अनदेखी किसने, क्यों व किसके इशारे पर की इस बात का पता लगाने की वजाए बाहर का रास्ता दिखाना कही आने वाले विधानसभा चुवानों में पार्टी के लिए नुक्सान दायक साबित न हो।

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VINOD KUMAR

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अंजू की लोकप्रियता व उसका हंसराज का कट्टर समर्थन होना भारी तो नहीं पड़ा

Update Time : 10:52:11 am, Tuesday, 11 May 2021

कही किसी साजिश का शिकार तो नहीं हुई अंजू धीमान
चम्बा, 11 मई (विनोद): अंजू धीमान को चुराह विधायक व प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज को कटर समर्थक माना जाता है। जब भी हंसराजक के विरोधी उसके खिलाफ सोशल मीडिया में मोर्चा संभालते हैं तो अंजू धीमान उस समय हंसराज के पक्ष में एक ढाल बनकर खड़ी हो जाती है। ऐसे से यह बातें चर्चाओं में जगह पाने लगी हैं कि अंजू की अपने क्षेत्र में लोकप्रियता और उसका हंसराज का कट्टर समर्थन होने की वजह से वही कही किसी षड़यंत्र का शिकार तो नहीं हुई है। यह सवाल इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि पार्टी ने अभी तक उससे यह बात जानने का प्रयास नहीं किया कि आखिर उसे पार्टी पदाधिकारी होने के बावजूद उसे अपनी बात कहने के लिए सोशल मीडिया का सहारा क्यों लेना पड़ा। अंजू धीमान ने खुद अपने ब्यान में यह बात कही थी कि एक पक्ष को ही क्यों सुना गया। सवाल यह भी पैदा हुआ है कि आखिर वे कौन सी ताकतें थी जो कि अंजू को अपना निशाना बनाना चाहती। पिछले दिनों यह देखने को मिला था कि हंसराज के एक ब्यान को लेकर पार्टी का एक धड़ा ही उसके खिलाफ सोशल मीडिया में एक्टिव हुआ था उस समय यह अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों अमल में नहीं लाई गई। डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र जिला में एकलौता ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां भाजपा कई धड़ों के बंटी हुई है। यह बात समय-समय पर जगजाहिर होती रहती है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच ऐसे पार्टी पदाधिकारी को बाहर का रास्ता दिखाना जो कि पंचायत स्तरीय चुनावों में महज एक वोट की कमी के चलते जीत की दहलीज काे पार नहीं कर पाई। ऐसे पार्टी कार्यकर्ता की अनदेखी किसने, क्यों व किसके इशारे पर की इस बात का पता लगाने की वजाए बाहर का रास्ता दिखाना कही आने वाले विधानसभा चुवानों में पार्टी के लिए नुक्सान दायक साबित न हो।