×
1:25 am, Tuesday, 28 January 2025

वे अध्यापक कहां है बैठे जिन्होंने 4 सालों में स्कूल की शक्ल नहीं देखी

हिमाचल संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने सरकार पर सवार खड़े किए

चंबा, ( विनोद ): कुछ अध्यापक बीते साढ़े 4 सालों में स्कूल की शक्ल तक नहीं देखी, क्योंकि उन्हें सरकार ने अपनी कोख में बिठा रखा है। हिमाचल प्रदेश  संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने चंबा में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है सरकार ने उसका तबादला जिला चंबा के सबसे दूरस्थ चांजू क्षेत्र में किया है क्योंकि अब उन्हें अपने घर व स्कूल के बीच आने-जाने के दौरान 7 जिलों से होकर गुजरना पड़ेगा और इस दौरान व इन सभी जिलों के कर्मचारियों के साथ मिलते-जुलते रहेंगे।
चौहान ने कहा कि उनके तबादले से सरकार इस गलत फहमी में न रहें कि उसने कर्मचारियों की आवाज को दबाने में कामयाबी हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश का जो भी कर्मचारी अपने कर्मचारी वर्ग के हित में आवाज उठा रहा है तो सरकार उसका तबादला कर रही है लेकिन सरकार यह भूल रही है कि प्रदेश का कर्मचारी सरकार की रीढ़ की हड्डी है और सरकार स्वयं अपनी इस हड्डी को कमजोर करने में लगी हुई है।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि बीते एक साल से सरकार ने शिक्षा विभाग की पदोन्नति प्रक्रिया पर पूरी तरह से विराम लगा रखा है तो साथ ही ओपीएस के लिए गठित कमेटी की आज तक बैठक नहीं हुई। कर्मचारी को 6 माह बीतने के बाद ही वित्तीय लाभ नहीं दिए गए है।

सरकार ने अभी तक यह भी साफ नहीं किया है कि वह कर्मचारियों के हजारों-करोड़ रुपए का भुगतान कितनी किस्तों में करेगी। चौहान का कहना था कि प्रदेश के आऊट सोर्स कर्मचारियों के नियमितिकरण की बात करने के बाद सरकार इस मामले पर चुप है।
इन सब बातों को लेकर प्रदेश के कर्मचारी में सरकार के प्रति रोष है और यही कारण है कि आए दिन कोई न कोई कर्मचारी वर्ग अपने हितों को लेकर आंदोलन करने के लिए मजबूर हो रहा है और सरकार कर्मचारी नेताओं के साथ बदले की भावना से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि अब सरकार ने एक और नया तुगलकी फरमान जारी कर दिया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी संस्था को कोई भी सदस्य दो बार से ज्यादा प्रधान या अध्यक्ष नहीं बन सकेगा। यही नहीं सरकार ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि कर्मचारी संगठन का चुनाव लड़ने वाले को सरकार से एनओसी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की इन सभी दमनकारी नीतियों का जवाब आने वाले समय में प्रदेश का कर्मचारी वर्ग देगा।
About Author Information

VINOD KUMAR

Popular Post

वे अध्यापक कहां है बैठे जिन्होंने 4 सालों में स्कूल की शक्ल नहीं देखी

Update Time : 04:53:45 pm, Thursday, 9 June 2022

हिमाचल संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने सरकार पर सवार खड़े किए

चंबा, ( विनोद ): कुछ अध्यापक बीते साढ़े 4 सालों में स्कूल की शक्ल तक नहीं देखी, क्योंकि उन्हें सरकार ने अपनी कोख में बिठा रखा है। हिमाचल प्रदेश  संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने चंबा में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है सरकार ने उसका तबादला जिला चंबा के सबसे दूरस्थ चांजू क्षेत्र में किया है क्योंकि अब उन्हें अपने घर व स्कूल के बीच आने-जाने के दौरान 7 जिलों से होकर गुजरना पड़ेगा और इस दौरान व इन सभी जिलों के कर्मचारियों के साथ मिलते-जुलते रहेंगे।
चौहान ने कहा कि उनके तबादले से सरकार इस गलत फहमी में न रहें कि उसने कर्मचारियों की आवाज को दबाने में कामयाबी हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश का जो भी कर्मचारी अपने कर्मचारी वर्ग के हित में आवाज उठा रहा है तो सरकार उसका तबादला कर रही है लेकिन सरकार यह भूल रही है कि प्रदेश का कर्मचारी सरकार की रीढ़ की हड्डी है और सरकार स्वयं अपनी इस हड्डी को कमजोर करने में लगी हुई है।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि बीते एक साल से सरकार ने शिक्षा विभाग की पदोन्नति प्रक्रिया पर पूरी तरह से विराम लगा रखा है तो साथ ही ओपीएस के लिए गठित कमेटी की आज तक बैठक नहीं हुई। कर्मचारी को 6 माह बीतने के बाद ही वित्तीय लाभ नहीं दिए गए है।

सरकार ने अभी तक यह भी साफ नहीं किया है कि वह कर्मचारियों के हजारों-करोड़ रुपए का भुगतान कितनी किस्तों में करेगी। चौहान का कहना था कि प्रदेश के आऊट सोर्स कर्मचारियों के नियमितिकरण की बात करने के बाद सरकार इस मामले पर चुप है।
इन सब बातों को लेकर प्रदेश के कर्मचारी में सरकार के प्रति रोष है और यही कारण है कि आए दिन कोई न कोई कर्मचारी वर्ग अपने हितों को लेकर आंदोलन करने के लिए मजबूर हो रहा है और सरकार कर्मचारी नेताओं के साथ बदले की भावना से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि अब सरकार ने एक और नया तुगलकी फरमान जारी कर दिया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी संस्था को कोई भी सदस्य दो बार से ज्यादा प्रधान या अध्यक्ष नहीं बन सकेगा। यही नहीं सरकार ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि कर्मचारी संगठन का चुनाव लड़ने वाले को सरकार से एनओसी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की इन सभी दमनकारी नीतियों का जवाब आने वाले समय में प्रदेश का कर्मचारी वर्ग देगा।