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2:34 am, Monday, 10 February 2025

मणिमहेश के लिए निकली छड़ी हड़सर पहुंची

शनिवार को भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हुई दशनाम छड़ी

भरमौर, 11 सितंबर (ममता ठाकुर): मणिमहेश के लिए चंबा के दशनाम अखाड़ा के लिए निकली पवित्र छडी शनिवार को हडसर में पहुंची। रविवार को यह छड़ी धनछो पहुंचेगी और सोमवार को यह अपने आखिरी पडाव पवित्र डल झील पहुचेंगी।
मंगलवार यानी 13 सितंबर को राधा अष्टमी के पावन अवसर पर बड़ा न्हौण होगा इसके साथ ही यह पवित्र यात्रा संपन्न हो जाएगी। शनिवार सुबह यह छड़ी अपने अगले पड़ाव को रवाना हुई। भरमौर चौरासी परिसर से इस छड़ी की धर्मराज मंदिर के पुजारी पंड़ित लक्ष्मण दत्त शर्मा ने विशेष पूजा अर्चना करके उसे अगले पड़ाव हड़सर के लिए रवाना किया।
मणिमहेश के लिए भरमौर से रवाना हुई दशनाम छड़ी
मणिमहेश के लिए भरमौर से रवाना हुई दशनाम छड़ी
जिला चंबा की इस छड़ी के साथ ही पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के डोड़ा व किश्तवाड़ से आई छड़ियों ने भी मणिमहेश के लिए रूख किया। साधु संतों की अगुवाई में मणिमहेश के लिए रवाना हुई यह छड़ी 13 सिंतबर को पवित्र डल में डूबकी लगाएगी।
इसके साथ ही यह यात्रा संपन्न हो जाएगी। गौर हो कि इस छड़ी यात्रा का धार्मिक दृष्टि से वहीं महत्व है जो अमरनाथ यात्रा में निकलने वाली छड़ी यात्रा का है। दशनाम अखाड़ा चंबा से मणिमहेश के लिए यह छड़ी यात्रा 7 सिंतबर को धूमधाम से निकली थी। यह छड़ी यात्रा चंबा से मणिमहेश के बीच की दूरी पैदल तय करती है और इसके लिए वह कई स्थानों पर पड़ाव लगाती है। 
प्राचीन काल से यह छड़ी यात्रा निकलती आई है। छड़ी की मान्यता यह है कि चांदी से बनी यह दो छड़ियां शिव व शक्ति का प्रतीक है। इसलिए इसके पवित्र डल पर पहुंचे और डल में डूबकी लगाने के साथ ही इस यात्रा को अगले वर्ष के लिए संपन्न माना जाता है।
ये भी पढ़ें- जिला के बैंकों की कार्यशैली की इस तरह खुली पोल।
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VINOD KUMAR

मणिमहेश के लिए निकली छड़ी हड़सर पहुंची

Update Time : 09:12:04 pm, Saturday, 11 September 2021

शनिवार को भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हुई दशनाम छड़ी

भरमौर, 11 सितंबर (ममता ठाकुर): मणिमहेश के लिए चंबा के दशनाम अखाड़ा के लिए निकली पवित्र छडी शनिवार को हडसर में पहुंची। रविवार को यह छड़ी धनछो पहुंचेगी और सोमवार को यह अपने आखिरी पडाव पवित्र डल झील पहुचेंगी।
मंगलवार यानी 13 सितंबर को राधा अष्टमी के पावन अवसर पर बड़ा न्हौण होगा इसके साथ ही यह पवित्र यात्रा संपन्न हो जाएगी। शनिवार सुबह यह छड़ी अपने अगले पड़ाव को रवाना हुई। भरमौर चौरासी परिसर से इस छड़ी की धर्मराज मंदिर के पुजारी पंड़ित लक्ष्मण दत्त शर्मा ने विशेष पूजा अर्चना करके उसे अगले पड़ाव हड़सर के लिए रवाना किया।
मणिमहेश के लिए भरमौर से रवाना हुई दशनाम छड़ी
मणिमहेश के लिए भरमौर से रवाना हुई दशनाम छड़ी
जिला चंबा की इस छड़ी के साथ ही पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के डोड़ा व किश्तवाड़ से आई छड़ियों ने भी मणिमहेश के लिए रूख किया। साधु संतों की अगुवाई में मणिमहेश के लिए रवाना हुई यह छड़ी 13 सिंतबर को पवित्र डल में डूबकी लगाएगी।
इसके साथ ही यह यात्रा संपन्न हो जाएगी। गौर हो कि इस छड़ी यात्रा का धार्मिक दृष्टि से वहीं महत्व है जो अमरनाथ यात्रा में निकलने वाली छड़ी यात्रा का है। दशनाम अखाड़ा चंबा से मणिमहेश के लिए यह छड़ी यात्रा 7 सिंतबर को धूमधाम से निकली थी। यह छड़ी यात्रा चंबा से मणिमहेश के बीच की दूरी पैदल तय करती है और इसके लिए वह कई स्थानों पर पड़ाव लगाती है। 
प्राचीन काल से यह छड़ी यात्रा निकलती आई है। छड़ी की मान्यता यह है कि चांदी से बनी यह दो छड़ियां शिव व शक्ति का प्रतीक है। इसलिए इसके पवित्र डल पर पहुंचे और डल में डूबकी लगाने के साथ ही इस यात्रा को अगले वर्ष के लिए संपन्न माना जाता है।
ये भी पढ़ें- जिला के बैंकों की कार्यशैली की इस तरह खुली पोल।